चित्रकला परिषद्: भारत की प्रमुख कला संस्था(chitrakala parishath)

चित्रकला परिषद् भारत की प्रमुख कला संस्था है जो कला के प्रोत्साहन, संवर्धन और संरक्षण के लिए समर्पित है। यह संस्था 1954 में स्थापित की गई थी और तब से भारतीय कला जगत में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

चित्रकला परिषद् का इतिहास

चित्रकला परिषद् की स्थापना 15 अगस्त, 1954 को नई दिल्ली में हुई थी। इसका उद्देश्य भारतीय कला और कलाकारों को बढ़ावा देना और उनके विकास के लिए प्रयास करना था। शुरुआत में, यह केंद्रीय सरकार के शिक्षा मंत्रालय के तहत काम करता था, लेकिन बाद में इसे स्वायत्त संस्था का दर्जा दिया गया।

चित्रकला परिषद् के उद्देश्य और भूमिका

चित्रकला परिषद् के प्रमुख उद्देश्यों में से कुछ इस प्रकार हैं:

  • भारतीय कला और कलाकारों को बढ़ावा और प्रोत्साहन देना
  • कला शिक्षा को प्रोत्साहित करना और उसका विकास करना
  • भारतीय कला की पहचान और प्रचार करना, देश और विदेश में
  • कला संरक्षण और पुनरुद्धार कार्यों को करना
  • कला से जुड़े अनुसंधान और प्रकाशन को प्रोत्साहित करना

चित्रकला परिषद् इन उद्देश्यों को पूरा करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम, प्रदर्शनियां, कार्यशालाएं और अन्य गतिविधियों का आयोजन करती है।

चित्रकला परिषद् की सदस्यता प्रक्रिया

चित्रकला परिषद् में तीन प्रकार के सदस्य होते हैं:

  1. सम्मानित सदस्य (Honor Members)
  2. वरिष्ठ सदस्य (Senior Members)
  3. साधारण सदस्य (Ordinary Members)

सम्मानित सदस्य और वरिष्ठ सदस्य को परिषद् द्वारा नामित किया जाता है, जबकि साधारण सदस्यता के लिए आवेदन करना होता है। सदस्यता शुल्क का भुगतान करने के बाद सदस्यता प्रदान की जाती है।

चित्रकला परिषद् द्वारा आयोजित प्रमुख कार्यक्रम

चित्रकला परिषद् द्वारा आयोजित कुछ प्रमुख कार्यक्रम हैं:

  • राष्ट्रीय कला महोत्सव: देश भर से कलाकारों को एक साथ लाकर उनके कार्यों को प्रदर्शित करना।
  • सम्मेलन और कार्यशालाएं: कला के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा और प्रशिक्षण प्रदान करना।
  • छोटे शहरों में कला शिविर: कला को ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में फैलाना।
  • कला प्रतियोगिताएं: कलाकारों के लिए प्रतिष्ठित पुरस्कार और मान्यता प्रदान करना।

इन कार्यक्रमों के माध्यम से परिषद् भारतीय कला और कलाकारों को बढ़ावा देने का प्रयास करती है।

चित्रकला परिषद् की प्रकाशनें और पुरस्कार

चित्रकला परिषद् कई महत्वपूर्ण प्रकाशन करता है, जिनमें शामिल हैं:

  • ‘भारतीय कला परिषद् जर्नल’: कला पर शोध लेख प्रकाशित करता है
  • ‘चित्रकला’ पत्रिका: कला और कलाकारों से संबंधित समाचार और लेख प्रकाशित करती है
  • कला-संबंधी किताबें और मोनोग्राफ: भारतीय कला विषयों पर

इसके अलावा, परिषद् कई प्रतिष्ठित पुरस्कार भी प्रदान करता है, जैसे ‘राष्ट्रीय कला पुरस्कार’ और ‘युवा कलाकार पुरस्कार’।

चित्रकला परिषद् का भविष्य और चुनौतियाँ

भविष्य में, चित्रकला परिषद् को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, जिनमें शामिल हैं:

  • कला शिक्षा को और मजबूत करना और उसे व्यावसायिक अवसरों से जोड़ना
  • भारतीय कला की पहचान को विश्वव्यापी बनाना
  • राज्य स्तरीय और स्थानीय चित्रकला परिषदों को मजबूत करना
  • डिजिटल प्रौद्योगिकी का लाभ उठाकर अपनी पहुंच और प्रभाव बढ़ाना

इन चुनौतियों का सामना करते हुए, चित्रकला परिषद् भारतीय कला के संरक्षण और प्रोत्साहन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहेगा।

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