Up Tgt Art Syllabus | यूपी टीजीटी कला सिलेबस |PDF Download
माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उत्तर प्रदेश में कला प्रवक्ता के सिलेबस (up tgt art syllabus) जारी किए गए हैं अतः कला वर्ग में प्रवक्ता
रंग कितने प्रकार के होते हैं(Rang kitne prakar ke hote hain)
रंग के प्रकार (Rang ke prakar) रंग कितने प्रकार के होते हैं- रंग हमारे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा हैं और इन्हें विभिन्न श्रेणियों में
कला क्या है? कला का अर्थ ,परिभाषा और कला के प्रकार ||kala kya hai,paribhasha,kala ke prakar
कला मानवीय अभिव्यक्ति का एक रूप है जो सौंदर्यबोध, कल्पनाशक्ति और रचनात्मकता के माध्यम से व्यक्त होती है। कला के कई रूप हैं जैसे –
चित्रकला परिषद्: भारत की प्रमुख कला संस्था(chitrakala parishath)
चित्रकला परिषद् भारत की प्रमुख कला संस्था है जो कला के प्रोत्साहन, संवर्धन और संरक्षण के लिए समर्पित है। यह संस्था 1954 में स्थापित की
ललित कला क्या है,ललित कला किसे कहते हैं, ललित कला के प्रकार,ललित कला अर्थ
ललित कला क्या है? lalit kala kya hai ललित कला, जिसे अंग्रेजी में “Fine Arts” कहा जाता है, एक ऐसी कला है जो मुख्य रूप
मंडी चित्रकला: एक अद्भुत कला की यात्रा
परिचय क्या आप जानते हैं कि मंडी चित्रकला केवल एक कला रूप नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपराओं का जीवंत दस्तावेज है? मंडी
कुल्लू चित्रशैली: इतिहास, विशेषताएँ और सांस्कृतिक-महत्व
कुल्लू की सुरम्य घाटियों के बीच पनपी, कुल्लू चित्रशैली भारतीय कला का एक अनमोल खजाना है। पारंपरिक भारतीय चित्रकला में अपनी खास पहचान बनाने वाली
कांगड़ा चित्रशैली: हिमाचल की अद्भुत कला का प्रतीक
कांगड़ा चित्रशैली भारतीय लघु चित्रकला की एक महत्वपूर्ण धारा है, जो हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा क्षेत्र में उत्पन्न हुई। यह चित्रकला शैली अपनी सौंदर्यपरक विशेषताओं
गुलेर चित्रशैली: भारतीय चित्रकला का अनमोल धरोहर
गुलेर चित्रशैली, भारतीय चित्रकला की पहाड़ी शैली का एक महत्वपूर्ण भाग है, जिसने भारतीय कला की दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई है। यह शैली
चम्बा चित्रशैली: परिचय, इतिहास व विशेषताएँ
चम्बा चित्रशैली भारत की पारंपरिक कला शैलियों में से एक है, जो अपनी विशिष्टता और गहन सांस्कृतिक महत्व के लिए जानी जाती है। यह चित्रशैली
बसोहली चित्रशैली: एक अद्वितीय कलात्मक धरोहर
बसोहली चित्रशैली बसोहली चित्रशैली भारत की एक अद्वितीय पेंटिंग शैली है, जो विशेष रूप से जम्मू और कश्मीर के बसोहली क्षेत्र में विकसित हुई। यह
ढूंढाड़ शैली: क्या है, इतिहास व विशेषताएँ
ढूंढाड़ शैली क्या है? ढूंढाड़ शैली राजस्थान की एक प्रमुख चित्रकला शैली है, जो जयपुर क्षेत्र में विकसित हुई। इसका विकास सन् 1775 ई. में राव
हाडोती शैली: एक सांस्कृतिक धरोहर का परिचय
हाडोती शैली हाडोती शैली राजस्थान के दक्षिण-पूर्वी भाग की एक विशिष्ट और समृद्ध कला शैली है, जो कोटा, बूंदी, झालावाड़ और बारां जिलों में पाई
मारवाड़ शैली: राजस्थानी कला और वास्तुकला की समृद्ध धरोहर
मारवाड़ शैली “मारवाड़ शैली” राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का एक अभिन्न हिस्सा है। इस शैली का मुख्य रूप से वास्तुकला, चित्रकला, और शिल्प में
मेवाड़ शैली: राजस्थानी चित्रकला की अनूठी पहचान
मेवाड़ शैली, राजस्थानी चित्रकला की एक प्रमुख शैली है, जो 15वीं शताब्दी में महाराणा कुम्भा के समय विकसित हुई। यह शैली अपने विशिष्ट रंगों—जैसे पीला,
औरंगजेब के समय चित्रकला: एक ऐतिहासिक दृष्टिकोण
औरंगजेब के शासनकाल में चित्रकला का विकास एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है। जहाँगीर और शाहजहाँ के समय में मुग़ल चित्रकला अपने चरम पर
शाहजहाँ के समय चित्रकला: ऐतिहासिक दृष्टिकोण और कलात्मक विशेषताएँ
शाहजहाँ के समय चित्रकला शाहजहाँ के समय की चित्रकला मुगल साम्राज्य की कला-संस्कृति का एक अहम हिस्सा थी। “शाहजहाँ के समय चित्रकला” शब्द का अर्थ
जहाँगीर के समय चित्रकला: एक ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य
जहाँगीर के समय चित्रकला जहाँगीर के शासनकाल (1605-1627) को मुगल चित्रकला के स्वर्ण युग के रूप में जाना जाता है। इस समय की चित्रकला ने