कला का ऐतिहासिक विवरण: आदिकालीन कला से पहाड़ी कला तक

कला का ऐतिहासिक विवरण: आदिकालीन कला, बौद्धकालीन कला, मध्यकालीन कला, मुग़ल कला, राजस्थानी कला और पहाड़ी कला

भारतीय कला का ऐतिहासिक विवरण विभिन्न कालों में विकसित हुई कला की विविध शैलियों और प्रवृत्तियों को दर्शाता है। यहाँ हम आदिकालीन कला, बौद्धकालीन कला, मध्यकालीन कला, मुग़ल कला, राजस्थानी कला, और पहाड़ी कला का विस्तृत वर्णन करेंगे।

आदिकालीन कला

आदिकालीन कला का इतिहास प्रागैतिहासिक काल से शुरू होता है, जिसमें मानव ने गुफाओं की दीवारों पर चित्रकारी की। भीमबेटका की गुफाएँ, जो लगभग 5500 ई.पू. की हैं, इस कला का महत्वपूर्ण उदाहरण हैं। इस काल में चित्रण का उद्देश्य धार्मिक और आध्यात्मिक था, जिसमें मानव जीवन और प्रकृति के दृश्य चित्रित किए गए थे। आदिकालीन कला में मूर्तिकला और चित्रकला दोनों का समावेश था, जो बाद में विकसित होती गई। और पढ़ें

आदिकालीन कला को 3 भागों में वर्गीकृत किया गया है-

  1. प्रागैतिहासिक कला 
  2. वैदिककालीन कला 
  3. सिंधु सभ्यता की कला

बौद्धकालीन कला

बौद्धकालीन कला का विकास तीसरी सदी ईसा पूर्व से शुरू हुआ, जब सम्राट अशोक ने बौद्ध धर्म को बढ़ावा दिया। इस कला में स्तूपों, विहारों, और बौद्ध मूर्तियों का निर्माण शामिल था। सांची और बोधगया जैसे स्थानों पर बने स्तूप और गुफाएँ इस कला के उत्कृष्ट उदाहरण हैं। बौद्ध कला में मानव रूपों का चित्रण और जटिल मांडलाओं का उपयोग किया गया, जो ध्यान और साधना के लिए महत्वपूर्ण थे।

तिब्बती इतिहासकार ‘लामा तारानाथ’ ने बौद्ध चित्रकला को तीन प्रमुख शैलियों में लिखा है-

  1. देव शैली
  2. यक्ष शैली
  3. नाग शैली

मध्यकालीन कला

मध्यकालीन कला में हिंदू धर्म की पुनरुत्थान के साथ-साथ मंदिर निर्माण की कला का विकास हुआ। इस काल में खजुराहो, कोणार्क, और तंजावुर के मंदिरों की वास्तुकला अद्वितीय है। इन मंदिरों में शिल्पकला और मूर्तिकला का समृद्ध उदाहरण देखने को मिलता है, जहाँ देवी-देवताओं के चित्रण के साथ-साथ दैवीय कथाएँ भी उकेरी गई हैं।

इस युग की ‘चार प्रतिनिधि शैलियाँ’ हैं, –

  1. पाल शैली
  2. जैन शैली
  3. अपभ्रंश शैली
  4. गुजरात शैली

मुग़ल कला

मुग़ल कला का विकास 16वीं सदी में हुआ, जब भारत में मुग़ल साम्राज्य स्थापित हुआ। इस कला की विशेषता उसकी भव्यता और सजावट में है। ताज महल, जिसे शाहजहाँ ने बनवाया, मुग़ल वास्तुकला का सबसे प्रसिद्ध उदाहरण है। मुग़ल कला में इस्लामी कलात्मक तत्वों के साथ-साथ भारतीय शैलियों का समावेश किया गया, जिससे एक अद्वितीय मिश्रण उत्पन्न हुआ।

मुगल चित्रकला का विकास काल वर्गीकरण निम्नलिखित है-

  1. बाबर के काल में मुगल चित्रकला
  2. हुमायूँ काल में मुगल चित्रकला
  3. अकबर के काल में मुगल चित्रकला
  4. जहाँगीर काल में चित्रकला
  5. शाहजहाँ के काल में चित्रकला
  6. औरंगजेब कालीन चित्रकला

राजस्थानी कला

राजस्थानी कला में चित्रकला, वास्तुकला, और शिल्पकला का समावेश होता है। इस कला का विकास राजपूत राजाओं के संरक्षण में हुआ। राजस्थानी चित्रकला, विशेषकर मिनिएचर चित्रकला, अपने जीवंत रंगों और विस्तृत विवरणों के लिए प्रसिद्ध है। इस कला में धार्मिक और ऐतिहासिक विषयों को चित्रित किया गया है, जो राजस्थानी संस्कृति और परंपराओं को दर्शाते हैं।

राजस्थानी चित्र शैली निम्नलिखित है-

1. मेवाड़ शैली :- चावंड / उदयपुर, नाथद्वारा, देवगढ़ आदि।

2. मारवाड़ शैली :- जोधपुर, बीकानेर, किशनगढ़, अजमेर, नागौर, जैसलमेर आदि।

3. हाडोती शैली :- कोटा, बूंदी आदि।

4. ढूंढाड़ शैली :- आमेर, जयपुर, अलवर, उणियारा, शेखावाटी आदि।

पहाड़ी कला

पहाड़ी कला हिमालयी क्षेत्रों की विशिष्ट कला है, जिसमें चित्रकला और मूर्तिकला शामिल हैं। पहाड़ी चित्रकला, विशेषकर कांगड़ा और चंबा की कला, अपनी रंगीनता और भावनात्मक गहराई के लिए जानी जाती है। इस कला में धार्मिक विषयों के साथ-साथ प्राकृतिक दृश्यों का भी चित्रण किया गया है, जो पहाड़ी जीवन की सुंदरता को दर्शाता है।

पहाड़ी शैली में अलग-अलग क्षेत्रों में निम्नलिखित कला शैलियां विकसित हुईंः

  1. बसोहली चित्रशैली
  2. चम्बा चित्रशैली
  3. गुलेर चित्रशैली
  4. कांगड़ा चित्रशैली
  5. कुल्लू चित्रशैली
  6. मण्डी चित्रशैली

भारतीय कला का यह ऐतिहासिक विवरण विभिन्न शैलियों और प्रवृत्तियों के माध्यम से भारतीय संस्कृति की समृद्धि और विविधता को उजागर करता है। प्रत्येक कला शैली ने अपने समय और समाज की विशेषताओं को दर्शाया है, जो आज भी कला प्रेमियों और शोधकर्ताओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है

कला का ऐतिहासिक विवरण: महत्वपूर्ण FAQs

1. आदिकालीन कला

  • प्रश्न: आदिकालीन कला क्या है और इसके प्रमुख उदाहरण क्या हैं?
    • उत्तर: आदिकालीन कला मानव सभ्यता के प्रारंभिक चरणों की कला है, जिसमें शैल चित्र, पत्थर की मूर्तियाँ, और मिट्टी के बर्तन शामिल हैं। भीमबेटका की गुफाओं के शैल चित्र और हड़प्पा सभ्यता की मूर्तियाँ इसके प्रमुख उदाहरण हैं।
  • प्रश्न: आदिकालीन कला में किन विषयों को प्रमुखता दी गई है?
    • उत्तर: आदिकालीन कला में प्रमुख रूप से पशुओं, मानव आकृतियों, और दैनिक जीवन के दृश्यों को चित्रित किया गया है, जो उस समय की जीवनशैली और धार्मिक मान्यताओं को दर्शाते हैं।

2. बौद्धकालीन कला

  • प्रश्न: बौद्धकालीन कला का उदय कब और कैसे हुआ?
    • उत्तर: बौद्धकालीन कला का उदय 6वीं शताब्दी ईसा पूर्व के बाद हुआ, जब बौद्ध धर्म का प्रसार शुरू हुआ। इस कला में स्तूप, मठ, और बुद्ध की मूर्तियों का निर्माण हुआ।
  • प्रश्न: बौद्धकालीन कला की प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं?
    • उत्तर: बौद्धकालीन कला की प्रमुख विशेषताएँ हैं स्तूपों का निर्माण (जैसे सांची स्तूप), बुद्ध की मूर्तियों का निर्माण, और गुफाओं में चित्रित दीवारें (जैसे अजंता-एलोरा की गुफाएँ)।

3. मध्यकालीन कला

  • प्रश्न: मध्यकालीन भारतीय कला में किन प्रकार की कला का विकास हुआ?
    • उत्तर: मध्यकालीन भारतीय कला में मुख्य रूप से मंदिर वास्तुकला का विकास हुआ। इसके अलावा, इस काल में भक्ति आंदोलन से प्रेरित कला, मूर्तिकला, और चित्रकला का भी विकास हुआ।
  • प्रश्न: मध्यकालीन कला के प्रमुख उदाहरण क्या हैं?
    • उत्तर: खजुराहो के मंदिर, कोणार्क का सूर्य मंदिर, और तंजावुर का बृहदेश्वर मंदिर मध्यकालीन कला के प्रमुख उदाहरण हैं।

4. मुग़ल कला

  • प्रश्न: मुग़ल कला का भारतीय कला पर क्या प्रभाव पड़ा?
    • उत्तर: मुग़ल कला ने भारतीय कला को एक नई दिशा दी, जिसमें इस्लामी और भारतीय शैलियों का संगम हुआ। इसने भारतीय चित्रकला, वास्तुकला, और उद्यान निर्माण को समृद्ध किया।
  • प्रश्न: मुग़ल कला की प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं?
    • उत्तर: मुग़ल कला की प्रमुख विशेषताएँ हैं सूक्ष्म चित्रकला, भव्य महल और मकबरे (जैसे ताजमहल), और विस्तृत उद्यान निर्माण (जैसे शालीमार बाग)।

5. राजस्थानी कला

  • प्रश्न: राजस्थानी कला का विकास कब और कहाँ हुआ?
    • उत्तर: राजस्थानी कला का विकास मुख्य रूप से 16वीं से 19वीं शताब्दी के बीच राजस्थान के राजपूत राजाओं के संरक्षण में हुआ।
  • प्रश्न: राजस्थानी कला में कौन-कौन सी विधाएँ शामिल हैं?
    • उत्तर: राजस्थानी कला में मिनिएचर पेंटिंग्स, भित्ति चित्र, वास्तुकला, और लोक कला शामिल हैं। इसके प्रमुख उदाहरण आमेर का किला और उदयपुर की पेंटिंग्स हैं।

6. पहाड़ी कला

  • प्रश्न: पहाड़ी कला का मुख्य केंद्र कहाँ है?
    • उत्तर: पहाड़ी कला का मुख्य केंद्र हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर के हिमालयी क्षेत्र हैं। खासकर कांगड़ा और गढ़वाल क्षेत्र में इसका प्रमुख विकास हुआ।
  • प्रश्न: पहाड़ी कला की प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं?
    • उत्तर: पहाड़ी कला में सूक्ष्म चित्रकारी, प्राकृतिक रंगों का उपयोग, और धार्मिक, पौराणिक और प्रेम कथाओं का चित्रण प्रमुख हैं। कांगड़ा शैली इस कला की सबसे प्रसिद्ध शैली है।

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